Shukra Dhatu
अध्याय-८ शुक्र धातु (Shukra Dhaatu) ‘शुक्र’ शब्द की व्युत्पत्ति (Vyutpatti of Shukra Word) क्लीवि अर्थात् नपुंसक लिंग से ‘‘शुचि क्लेदे’’ अर्थात् क्लेदार्थक ‘‘शुचि’’ धातु से नपुसंक लिंग में औणादिक ‘‘रन्’’…
Sharir Kriya is study of body functions according Ayurveda.
अध्याय-८ शुक्र धातु (Shukra Dhaatu) ‘शुक्र’ शब्द की व्युत्पत्ति (Vyutpatti of Shukra Word) क्लीवि अर्थात् नपुंसक लिंग से ‘‘शुचि क्लेदे’’ अर्थात् क्लेदार्थक ‘‘शुचि’’ धातु से नपुसंक लिंग में औणादिक ‘‘रन्’’…
ओज ओज शरीर का व्याधिक्ष्मत्व बल है। व्याधिक्षमत्व बल को प्रदान करने वाले ‘ओज’ संज्ञा वाले ये तत्व रक्त के साथ समस्त शरीर में परिसंचरित होते रहते हैं। ‘ओज’ शब्द…
12.1 आहार पाक (Process of Digestion) आयुर्वेद मे पाचन क्रिया (Digestion) को आहार पाक के रुप में जाना जाता है। आहार पाकक्रम अर्थात आहार गुणो का शरीर-सम गुण-भाव प्राप्त करना।…
11.1 अग्नि शब्द की व्युत्पत्ति संस्कृत हिन्दी शब्द कोष में ‘‘अंगति ऊर्ध्वं गच्छति’’ अगि नि न लोपश्च । अग्नि शब्द की व्युत्पत्ति बतलाई गई है । शब्दकल्पद्रुम के अनुसार अग्नि…
10.1 आहार की परिभाषा (Definition of Ahara) 10.2 आहार द्रव्यो का वर्गीकरण (Classification of food) 10.3 आहार का महत्व (Significance of Ahara) 10.4 आहार विधि विधान (Ahara-vidhi vidhana) 10.5 अष्टौ…
9.1 प्रकृति शब्द की निरुक्ति 9.2 प्रकृति शब्द की व्युत्पत्ति 9.3 प्रकृति शब्द के पर्याय (Synonyms of Prakuti) 9.4 प्रकृति शब्द की परिभाषा (Definition of Prakuti) 9.5 प्रकृति निर्माण (Genesis…
क्रिया काल (Concept of Kriyakala) क्रिया - चिकित्सा (treatment), काल - समय (period) अर्थात क्रियाकाल का अर्थ होता है, चिकित्सा करने के उपयुक्त अवसर। क्रिया काल के संदर्भ में प्रयुक्त हुआ…
7.1 दोषों के क्षय तथा वृद्धि के कारण और लक्षण (Etiological factors responsible for Vruddhi-Kshaya of each dosha) 7.1.1 वात दोष के वृद्धि तथा क्षय के कारण 7.1.2…
6.1 कफ शब्द की व्युत्पति (Vyutpatit of word ‘Kapha’) 6.2 श्लेष्मा शब्द की निरुक्ति (Nirukti of word ‘Kapha’) 6.3 कफ शब्द के पर्याय (Synonyms of word ‘Kapha’) 6.4 श्लेष्मा का…
5.1 पित्त शब्द की निरुक्ति (Nirukti of word ‘Pitta’) 5.2 पित्त शब्द के पर्याय (Synonyms of word ‘Pitta’) 5.3 पित्त का स्वरुप (Swarop of ‘Pitta’) 5.4 चरक का मतानुसार अग्नि…
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